बुधवार, 31 अगस्त 2011

पढ़ते रहो कोटा ...........

ये हनन की नहीं मनन की बात है ,
एक दो की नहीं , वतन की बात है ,
अबे ये न सोचो कि किसने निकाली पहले ,
सच मान लो , ये सबके मन की बात है ......

जो मुझे तुम मौका मिलता ,मैं लाजवाब कहता ,
सुनके ही गश खा जाते , इतना खराब कहता .....


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हा हा हा हम सोच रहे हैं कि अगर किसी उम्रकैद या बडी सज़ा पाए ने जेल के भीतर से ही ऐसा विशेषाधिकार हनन कर डाला तो ,,,नेताजी तो मनन ही करते रह जाएंगे ,,,,कि कै दिन के लिए, अलग से जेल में डाला जाए ..हनना का जुर्म में ..ल्यो किरन बेदी कह दी हैं कि भेज दो जेलवे , इसी बहाने तिहाड को अपना माली भी देखने को मिल जाएगा
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अगर नेताजी लोग ...एक आम आदमी के सच बोलने को लेकर विशेषाधिकार हनन का आरोप लगा रहे हैं तो निश्चित रूप से फ़िर ....सभी आम लोगों को ...जनाधिकार हनन के लिए तमाम राजनीतिज्ञों को ऐसा ही एक एक नोटिस थमा देना चाहिए , देते रहिए जवाब , करोड करोड लोगों का . बोलो है हिम्मत ......
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देश में किसी भी कानून बनने बनाने की प्रक्रिया इतनी ढकी छुपी होती है कि आधी जनता को बरसों तक उस कानून का क भी नहीं पता होता है , तो क्या अब इस दस्तूर को ही लागू किया जाए और सियासत को ये संदेश दे दिया जाए कि , जो कानून हमारे लिए बनाने जा रहे हो , पहले हमें भी तो समझाओ , कर्णधारों ......
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हर जालिम , हर घूसखोर पर , अब जम कर पहरा देना,
जहां दिखे कोई गडबड , बस एक तिरंगा लहरा देना ......

हम समझ जाएंगे कि बिगुल फ़ूंका दिया है , किसी साथी ने ............

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