सोमवार, 21 जून 2010

आँखे खोल कर कब तक इंतजार



कोन देगा जवाब
मरते वक़्त भी आँखे शायद इसलिए खुली हुई थी की २६ साल बाद hone वाला न्याय देख सके लेकिन २६ साल बाद भी जो मिला वो न्याय नहीं था वो साजिश थी जिस में ऐ ऍम अहमदी अर्जुन सिंह राजीव गाँधी नरसिंह राव जैसे लोग शामिल थे

रविवार, 20 जून 2010

दुनिया में गैसकांड के प्रमुख मामले

- 10 जुलाई 1976 में यू एस की सिवेसो कंपनी में हादसा :
इसमें 3 हजार किलो डायवोसिन गैस का रिसाव हुआ था। इससे 37 हजार लोग प्रभावित हुए थे। पीडितों के लिए दस बिलियन डॉलर मुआवजा राशि स्वीकृत हुई थी। पांच आरोपियों को हादसे के दस वष्ाü बाद 1986 में दो वष्ाü का कारावास हुआ था।

- 26 अप्रेल 1986 में रूस के चैरनोबल परमाणु केन्द्र में हादसा :
यहां यूरेनियम और प्लेटिनम रिएक्टर फट जाने से करीब 50 हजार से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। 30 हजार लोग तो तत्काल मौत की गोद में चले गए थे। थे। हादसे का रेडियो एक्टिव कचरा रूस सरकार के आदेश पर जमीन के नीचे दबा दिया गया था।

- 13 जून 1997 उपहार सिनेमा अग्निकांड :
इस दुर्घटना में 59 की मृत्यु हुई थी और 103 घायल हुए थे। दोषियों को दो वर्ष का सश्रम कारावास और अर्थदण्ड की सजा हुई थी। साथ ही 15 लाख रूपए प्रति व्यक्ति मुआवजा राशि दी गई थी। हादसे में 20 लोगों ऎसे थे, जिन्हें मुआवजा राशि 18 लाख रूपए मिली

देर भी अंधेर भी


सात दोषियों को दो साल की सजा, जमानत पर छूटे
भोपाल। दुनिया की भीषणतम औद्योगिक त्रासदी को लेकर चल रहे मुकदमे में जिला अदालत ने सोमवार को फैसला सुनाते हुए यूनियन कार्बाइड के चेयरमैन केशव महेंद्रा सहित 7 आरोपियों को दोषी ठहराया। सभी को दो-दो साल सश्रम कारावास व 1.01 लाख रूपए जुर्माने और यूनियन कार्बाइड को 5.01 लाख रूपए जुर्माने की सजा सुनाई गई।

हालांकि दोषी जेल नहीं पहुंच सके।
उनकी ओर से धारा 389 के तहत पेश आवेदन स्वीकार कर लिया गया। अब वे एक माह में सेशन कोर्ट में अपील कर सकेंगे। आरोपियों ने 25-25 हजार का जमानत-मुचलका पेश किया, जो स्वीकार कर लिया गया।

उल्लेखनीय है कि भोपाल गैस कांड पर 26 साल बाद सोमवार को फैसला आने के बाद मोइली ने फैसले पर असंतुष्टि जताई थी। मोइली ने कहा था कि इस मामले में फैसला बहुत देर से आया और इसे व्यावहारिक रूप से स्वीकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि इस मामले में न्याय को दबा दिया गया। इस मामले में एक फास्ट ट्रेक अदालत की जरूरत थी जो मामले की जांच कर दोषियों को सजा दिला पाती।

जुर्माना सुनते ही मुस्करा दिए दोषी
कोर्ट में यूका के चेयरमैन केशव महेंद्रा सहित 6 आरोपी मौजूद थे। फैसला मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मोहन प्रकाश तिवारी ने सुनाया, जिसे सुन आरोपियों ने राहत की सांस ली। उन्हें भारी जुर्माने और मुआवजे की उम्मीद थी। इसके बाद आरोपियों के चेहरे पर मुस्कान आ गई। सबने चंद पलों में जुर्माना राशि जमा करा दी।21;री वीरप्पा मोइली, रसायन और उर्वरक मंत्री अलागिरी, शहरी विकास मंत्री एस जयपाल रेड्डी, शहरी गरीबी निवारण मंत्री कुमारी शैलजा और विज्ञान और तकनीक राज्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण शामिल है। जीओएम इस तरह के मामलों में आपराधिक जिम्मेदारी तय करने और पीडितों को मुआवजे बढ़ाए जाने संबंधी नियमों पर विचार करेगा।

इससे पहले, मध्यप्रदेश सरकार ने बुधवार को ही इस मामले की नए सिरे से समीक्षा के लिए समिति गठित करने की घोषणा की। इस पांच सदस्यीय कमेटी में शामिल कानून के जानकार नए सिरे से भोपाल गैस कांड की समीक्षा कर सरकार को सिफारिश देंगे। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कमेटी गठित करने का ऎलान करते हुए कहा कि इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया। पीडितों के साथ न्याय नहीं हुआ। गैस कांड के पीडित अदालत के फैसले से खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इस मामले की नए सिरे से समीक्षा के लिए एक पांच सदस्यीय कमेटी गठित की है। यह कमेटी 10 दिनों में अपनी शुरूआती रिपोर्ट देगी और एक महीने के भीतर अंतिम जांच रिपोर्ट पेश कर देगी। कमेटी की सिफारिशें मिलने के बाद उच्च न्यायलय में अपील की जाएगी। चौहान ने कहा कि सिफारिशों के आधार पर आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

उल्लेखनीय है कि एमनेस्टी इंटरनेशनल सहित दुनिया भर के मानवाधिकार संगठनों ने गैस कांड के 7 जून को आए फैसले को टू लेट, टू लिटिल करार दिया था।

ये हैं गुनाहगार

दो और तीन दिसंबर की रात यूनियन कार्बाइड से जहरीली गैस रिसाव के कारण हजारों लोगों ने अपनी जान गंवा दी। इस भीषण त्रासदी के गुनाहगार हैं :

1. यूका के मालिक वारेन एंडरसन
2. यूसीआईएल भोपाल के चेयरमेन केशव महिन्द्रा
3. मैनेजिंग डायरेक्टर विजय गोखले
5. वाइस प्रेसिडेंट किशोर कामदार
6. वर्क्स मैनेजर जे मुकुंद
7. असिस्टेंड वर्क्स मैनेजर डॉ. आरपीएस चौधरी
8. प्रोडक्शन मैनेजर एसपी चौधरी
9. प्लांट सुप्रीटेंडेंट केपी शेट्टी
10. प्रोडक्शन असिस्टेंट एमआर कुरैशी सहित यूका कार्पोरेशन लि. यूएसए, यूसीसी ईस्टर्न इंडिया हांगकांग और यूका इंडिया लि. कोलकाता पर मुकदमा चल रहा है। भोपाल गैस कांड के आरोपियों में से मुख्य आरोपी वारेन एंडरसन, यूका कार्पोरेशन लि. यूएसए और यूसीसी ईस्टर्न इंडिया हांगकांग फरार घोषित हैं। जबकि आरपीएस चौधरी की मौत हो चुकी है।

आँखों में गुस्सा हाथो में सवाल


भोपाल में हजारो लोगों की मोत के मामले में क्या यूनियन कर्बयद जितना ही दोषी अर्जुन सिंह नहीं है. जिन लोगो को वोट बैंक मान कर दुहा है अर्जुन सिंह उन लोगो की मौत पर अमरीका की दलाली करने से नहीं चुके वैसे अर्जुन सिंह का राजनीतिक जीवन भी कुटिलताओ चमचागिरी और दलाली से भरा रहा है वे हमेशा कांग्रेस नेता की जगह गाँधी परिवार के वफादार .................. अधिक नजर आये जिसका उन्होंने लाभ उठाया और भोपाल ने उस की कीमत चुकी.