शुक्रवार, 19 अगस्त 2011

अन्ना ने दी 30 तक की डेड लाइन


सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने रामलीला मैदान पहुंचते ही जनलोकपाल को लेकर अपना रूख और कड़ा कर लिया है। शाम को मैदान में मौजूद समर्थकों के सैलाब के बीच जनता और मीडिया से सीधी बात करते हुए अन्ना ने कहा कि जनलोकपाल बिल पास होने तक वे यहां से नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा की 8 सितम्बर तक मानसून सत्र तक चलना है, इसी सत्र में 30 अगस्त तक बिल पास हो।

स्टेंडिंग कमेटी इस बारे निर्णय कर सकती है। कमेटी में सभी पार्टियों के सांसद है इसलिए कोई परेशानी भी नहीं है। सरकार के पास बहुमत है, यह बिल कैसे पारित हो यह सोचना सरकार का काम है। अन्ना ने यह भी साफ कर दिया कि वे किसी एनजीओ के जरिए सरकार से बात नहीं कर रहे हैं। अन्ना के सहयोगी अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सरकार स्टेंडिंग कमेटी की आड़ लेकर किसी भी निर्णय से बच रही है। हालांकि टीम अन्ना ने माना की बातचीत से ही हल निकलेगा।


अन्ना और समर्थकों में जोश बरकरार

जनलोकपाल बिल को लेकर लड़ाई लड़ रहे समाजसेवी अन्ना हजारे शुक्रवार को 68 घंटे बाद तिहाड़ जेल से बाहर आ गए। तिहाड़ जेल से अन्ना अपने हजारों समर्थकों के साथ राजघाट होते हुए रामलीला मैदान पहुंचे। रामलीला मैदान में अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए अन्ना ने कहा कि जब तक लोकपाल बिल संसद में पेश नहीं हो जाता तब तक वह रामलीला मैदान नहीं छोड़ेंगे। अन्ना ने कहा कि उनका वजन कुछ कम हुआ है लेकिन इसकी परवाह नहीं है। अगर वजन 10 किलो कम भी हो जाए तो जोश कम नहीं होगा।

अन्ना ने कहा कि लड़ाई सिर्फ लोकपाल बिल के लिए नहीं है बल्कि व्यवस्था में परिवर्तन के लिए है। अन्ना ने कहा कि अंग्रेज देश से चले गए लेकिन भ्रष्टाचार खत्म नहीं हुआ। अब देश को लूटने वाले गद्दारों को सबक सिखाना है। उनको नहीं छोड़ना है। अन्ना ने कहा कि कई देशों में क्रांतियां हुई। भारत में भी क्रांति करनी है।

दुनिया में हुई ज्यादातर क्रांतिया खून बहाकर हुई है लेकिन हमने अहिंसक क्रांति की है। भारत में हुई क्रांति के दौरान राष्ट्रीय संपत्ति को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया गया। भारत में हुई क्रांति से दुनिया सीख लेगी। भारत के युवकों ने दिखा दिया है कि अहिंसा से भी क्रांति हो सकती है। रामलीला मैदान तक करीब 22 किलोमीटर का सफर तय करने के लिए पहले जुलूस के रूप में एक खुले ट्रक पर सवार होकर मायापुरी तक आए। इसके बाद वह निजी वाहन से राजघाट और फिर इंडिया गेट पहुंचे। सवा दो बजे अन्ना रामलीला मैदान पहुंचे, जहां भारी संख्या में मौजूद उनके समर्थकों ने देशभक्ति के नारों के उद्घोषों से उनका स्वागत किया।

भारी बारिश के बावजूद तिहाड़ जेल से लेकर रामलीला मैदान तक अन्ना के समर्थकों के उत्साह में कोई कमी नहीं आई। स्कूली बच्चे हों या युवा, महिला हों या बुजुर्ग सभी अन्ना की एक झलक पाने के लिए बेताब थे और जगह-जगह एकत्र भारी भीड़ देशभक्ति के नारे लगा रही थी। इससे पहले अन्ना ने तिहाड़ जेल के बाहर मौजूद अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि वह रहे न रहें लेकिन क्रांति की मशाल जलती रहनी चाहिए। अन्ना ने कहा कि देश को 1947 में आजादी मिली थी लेकिन यह आजादी अभी अधूरी है।

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