शौक-ए-दीदार अगर है तो नज़र पैदा कर। स्कूल की मिट चुकी तमाम स्मृतियों में से एक यही लाइन बची रह गई। बाकी आज तक नहीं समझ पाया कि दस बारह सालों तक स्कूल क्यों गया? बरसो से मन में कई बातों का तूफ़ान चल रहा है. दिल करता है की अब उसे शब्दों के पिरो दूँ . ब्लॉग के मंच पर पेश है मेरी अभिव्यक्ति.
शनिवार, 3 सितंबर 2011
अन्ना को जेड कैटिगरी सुरक्षा
मुम्बई। सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई छेड़ने वाले गांधीवादी अन्ना हजारे की सुरक्षा बढ़ाने का फैसला किया है। सरकार उन्हें जेड श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराएगी। चार सशस्त्र सुरक्षाकर्मी और दो निजी सुरक्षा अधिकारी चौबीस घंटे उनकी सुरक्षा में तैनात रहेंगे।
महाराष्ट्र गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर बताया कि सरकार की ओर से दी जा रही इस सुरक्षा में पुलिस का एक वाहन भी शामिल है। अन्ना हजारे जब कभी भी गांव से बाहर निकलेंगे तो यह पुलिस वाहन उन्हें सुरक्षा प्रदान करेगा।
अधिकारी ने बताया कि गांधीवादी सुरक्षा लेने के लिए तैयार नहीं थे। यह पूछे जाने पर कि क्या अन्ना हजारे के जीवन को खतरा है। इस पर अधिकारी ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
इसके पहले अन्ना हजारे की सुरक्षा में सादे कपड़ों में दो सशस्त्र पुलिसकर्मी तैनात थे। गांधीवादी ने पुलिस से कहा था कि वह किसी भी श्रेणी की सुरक्षा नहीं चाहते क्योंकि इससे आम लोगों के बीच उनकी मुक्त गतिविधियां प्रभावित होंगी।
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