शौक-ए-दीदार अगर है तो नज़र पैदा कर। स्कूल की मिट चुकी तमाम स्मृतियों में से एक यही लाइन बची रह गई। बाकी आज तक नहीं समझ पाया कि दस बारह सालों तक स्कूल क्यों गया? बरसो से मन में कई बातों का तूफ़ान चल रहा है. दिल करता है की अब उसे शब्दों के पिरो दूँ . ब्लॉग के मंच पर पेश है मेरी अभिव्यक्ति.
रविवार, 4 सितंबर 2011
अन्ना लौटाएंगे जेड श्रेणी की सुरक्षा
भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई छेड़ने वाले समाजसेवी अन्ना हजारे ने जेड श्रेणी की सुरक्षा लेने से मना कर दिया है।अन्ना इस संबंध में महाराष्ट्र के गृह मंत्री आर आर पाटिल को पत्र लिखेंगे। रालेगण सिद्धी में पद्मा देवी मंदिर के दर्शन के बाद अन्ना ने कहा कि वे सुरक्षा नहीं लेंगे। अन्ना ने कहा कि वह लोगों के बीच रहकर ही काम करेंगे। अन्ना ने कहा कि भगत सिंह और राजगुरू ने अपने काम के लिए किसी तरह की सुरक्षा नहीं ली थी।
अन्ना ने कहा कि दिल के दौरे से मरने से बेहतर है देश के लिए मरना। अन्ना ने कहा कि उनकी लड़ाई सरकार से नहीं बल्कि सरकार में बैठे भ्रष्ट लोगों के खिलाफ है। गौरतलब है कि महाराष्ट्र सरकार ने सुरक्षा के मद्देनजर अन्ना को जेड श्रेणी की सुरक्षा देने का फैसला किया था। इसके तहत चार सशस्त्र सुरक्षाकर्मी और दो निजी सुरक्षा अधिकारी चौबीस घंटे अन्ना की सुरक्षा में तैनात रहेंगे। अन्ना हजारे जब कभी गांव से बाहर निकलेंगे तो पुलिस का एक वाहन उन्हें सुरक्षा प्रदान करेगा।
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