शौक-ए-दीदार अगर है तो नज़र पैदा कर। स्कूल की मिट चुकी तमाम स्मृतियों में से एक यही लाइन बची रह गई। बाकी आज तक नहीं समझ पाया कि दस बारह सालों तक स्कूल क्यों गया? बरसो से मन में कई बातों का तूफ़ान चल रहा है. दिल करता है की अब उसे शब्दों के पिरो दूँ . ब्लॉग के मंच पर पेश है मेरी अभिव्यक्ति.
रविवार, 18 दिसंबर 2011
इंदौर में बाबू के पास 15 करोड़ की संपत्ति
इंदौर। मध्य प्रदेश में लोकायुक्त व आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) की ओर से जारी छापामार कार्रवाइयों में सरकारी कर्मचारियों के करोड़पति होने का खुलासा हो रहा है। इसी क्रम में रविवार को इंदौर में लोकायुक्त पुलिस ने क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ)के एक लिपिक के ठिकानों पर छापे की कार्रवाई कर बड़े पैमाने पर चल-अचल संपत्ति का पता लगाया है।
लोकायुक्त पुलिस के सूत्रों ने बताया कि लिपिक रमन धुलधोए के तीन ठिकानों पर छापे मारे। इस दौरान उसके पास से खंडवा रोड पर करीब 50 बीघा जमीन और उसमें एक आलीशान मकान, एक होटल, सांवेर मार्ग पर औद्योगिक क्षेत्र में चार भूखंड,आठ बैंक खाते और गहने समेत निवेश संपत्ति संबंधी अनेक दस्तावेज जब्त किए गए हैं।
एक अनुमान के मुताबिक फिलहाल उसके पास से 15 करोड़ रूपए की संपत्ति संबंधी दस्तावेज मिले हैं। सूत्रों के मुताबिक लिपिक ने अपने काम के लिए एक अन्य व्यक्ति को नियुक्त कर रखा था। इसके एवज में लिपिक उसे एक निश्चित धनराशि देता था। बताया जाता है धुलधोए लंबे समय से इंदौर में पदस्थ हैं और उनके खिलाफ आय से अधिक सम्पत्ति की शिकायत ईओडब्ल्यू से की गई थी, इसी शिकायत के आधार पर रविवार को छापा मारा गया।
गौरतलब है कि लोकायुक्त पुलिस ने हाल ही में उज्जैन में एक चपरासी के घर छापा मारा था। छापे के दौरान चपरासी के पास से 10 करोड़ रूपए की संपत्ति बरामद हुई थी। चपरासी के घर से चार गाडियां और चार दोपहिया वाहन मिले थे। इससे पहले मंदसौर में भी एक इंजीनियर के पास भी करोड़ों रूपये की सम्पत्ति मिली थी।
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