शौक-ए-दीदार अगर है तो नज़र पैदा कर। स्कूल की मिट चुकी तमाम स्मृतियों में से एक यही लाइन बची रह गई। बाकी आज तक नहीं समझ पाया कि दस बारह सालों तक स्कूल क्यों गया? बरसो से मन में कई बातों का तूफ़ान चल रहा है. दिल करता है की अब उसे शब्दों के पिरो दूँ . ब्लॉग के मंच पर पेश है मेरी अभिव्यक्ति.
गुरुवार, 10 मार्च 2011
गहलोत बोलते रहे, कैबिनेट सोती रही
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को राज्य का बजट पेश किया। उनका बजट भाषण करीब पौने तीन घंटे में पूरा हुआ। उन्होंने 11 बजकर 3 मिनट पर बजट पढ़ना शुरू किया और 1 बजकर 48 मिनट पर भाषण पूरा हुआ।
मुख्यमंत्री के लम्बे भाषण के दौरान कई मंत्रियों को तो नींद ही आ गई तो कई मंत्री बीच-बीच में झपकी लेते रहे। दोनों पक्षों के विधायक भी इस काम में पीछे नहीं रहे। बार-बार उबासी लेने वाले विधायकों की संख्या भी अच्छी खासी रही।
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