रविवार, 24 नवंबर 2013

"बॉर्डर" की बस्ती, जहां चंद कदमों में बदलती है "सरकार"

"बॉर्डर" की बस्ती, जहां चंद कदमों में बदलती है "सरकार"

राजस्थान और मध्य प्रदेश की सीमा पर बसी चर्चित मानव बस्ती भवानी मंडी तो एक उदाहरण भर है कि भारत में राज्यों के बीच नीतियों और कानून का फर्क होने से किस तरह की परिस्थितियां उत्पन्न होती हैं। राज्यों की सीमा पर किसी भी बस्ती को देखें, विकास के पैमाने पर भी फर्क नजर आ जाता है। असमान विकास भी तो अंतरराज्यीय विवादों को ही बढ़ावा देता है, आइए कुछ विवादों-परेशानियो पर नजर डालें...

वह बस एक सड़क या गली ही तो है, जो यह अहसास भी ढंग से नहीं करा पाती कि गली के एक ओर मध्य प्रदेश है और दूसरी ओर राजस्थान। एक तरफ भवानी मंडी है, तो दूसरी ओर भैसोदामंडी। ऎसे मकान भी हैं, जिनका मुख्य दरवाजा मध्य प्रदेश में तो पिछला दरवाजा राजस्थान में खुलता है। और तो और, रेलवे स्टेशन पर देखिए, बुकिंग क्लर्क मध्यप्रदेश में बैठता है और टिकट कटाने वाले यात्री राजस्थान की सीमा में खड़े होकर टिकट कटाते हैं। यह सब सुनने में बड़ा रोचक लगता है, पर सच्चाई उतनी सहज नहीं है, जितनी कि किसी इलाके में होनी चाहिए।

दोहरे पहचान पत्र?

यहां दोनों ओर चुनाव हो रहे हैं। एक ओर, मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले का गरोठ विधानसभा क्षेत्र है, तो दूसरी ओर, राजस्थान के झालावाड़ जिले का डग क्षेत्र। यहां ऎसे लोग भी थे, जिन्होंने दोनों ओर मतदाता पहचान पत्र बना रखे थे, ऎसे 32 लोगों को दोनों ओर चिन्हित किया गया। यहां बहुत लंबे समय तक विवाद रहा है कि कौन-किस राज्य का वासी है। दोनों सरकारों में समन्वय हो, तो दोहरे पहचान पत्र से बचा जा सकता है।

दोनों राज्यों के निर्वाचन कार्यालयों ने इस बार सतर्कता बरती है, तो शायद ही कोई ऎसा होगा, जो दोनों ओर वोट डाल पाएगा। दूसरी ओर, यह सराहनीय फैसला किया गया है कि 25 नवम्बर को मध्य प्रदेश में मतदान और 1 दिसम्बर को राजस्थान में मतदान से 48 घंटे पहले इस बस्ती में बॉर्डर के दोनों ओर शराबबंदी रहेगी। यहां ऎसे ही अनेक फैसलों की जरूरत है, ताकि यहां निवास कर रहे लोगों के जीवन में समानता हो, पर लगता है, ऎसा होने में बहुत समय लगेगा।

नशे पर लगाम नहीं

अलग-अलग आबकारी नीतियों का खेल देखिए - राजस्थान में शराब की दुकानें 8 बजे बंद हो जाती हैं, लेकिन मध्यप्रदेश में 11 बजे तक खुली रहती हैं। भवानी मंडी के नशाखोर 8 बजे बाद नशे के लिए भैसोदामंडी चले जाते हैं। पहले यह इलाका अफीम की तस्करी के लिए भी बहुत बदनाम था।

अपराधियों का खेल


अक्सर आपराधिक मामलों में विवाद होता है। कई बार हत्या, लूट जैसे अपराध के बाद अपराधी सहज ही दूसरे राज्य में भाग जाते हैं।

दोनों जगह गोदाम

दोनों राज्यों में कई वस्तुओं पर कर दरों में अंतर है। पहले लोग अपना लाभ देखते थे, अब व्यापारियों ने करों का खेल समझ लिया है, कई व्यापारियों ने सीमा के दोनों ओर अपने गोदाम बना रखे हैं।

बिजली चोरी

राजस्थान वाला हिस्सा विकसित है, मध्य प्रदेश वाला हिस्सा पिछड़ा। राजस्थान वाले हिस्से में बिजली आपूर्ति ठीक है, तो जाहिर है, मध्य प्रदेश के लोगों ने राजस्थान के तार से तार जोड़ लिए हैं।

 

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