शनिवार, 24 सितंबर 2011

आप इंदिरा जी की रसोई संभालती थीं, लेकिन इसे अपनी तारीफ समझ मुझे माफ कर दें

कहते हैं मूर्ख शुभचिंतक एक दुश्मन से भी ज्यादा खतरनाक होता है। राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटील को पिछले दिनों ऐसे ही एक मूर्ख शुभचिंतक से वास्ता पड़ गया। राजस्थान की गहलौत सरकार में वक्फ और राजस्व मंत्री का पद संभाल रहे अमीन खां ने राष्ट्रपति की तारीफ में ऐसे-ऐसे कसीदे पढ़े कि खुद उन्हें भी नहीं समझ आया कि उनकी तारीफ हो रही है या खिंचाई।

चलो माफ किया: राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल

अमीन खां ने इस साल फरवरी में एक सभा में कह डाला था कि प्रतिभा पाटील तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की रसोई में काम करती थीं और उनकी इन्हीं सेवाओं की बदौलत वे आज देश के सर्वोच्च पद पर हैं। इस बयान के बाद जयपुर से लेकर दिल्ली तक बावेला मच गया था और आखिरकार अमीन को मंत्री पद छोड़ना पड़ा था। अशोक गहलोत ने खान से इस्तीफा मांग लिया था।

लेकिन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील की ‘तारीफ’ को लेकर मंत्री पद खो चुके अमीन खां ने सोमवार को राजभवन जाकर राष्ट्रपति से माफी मांग ली। अमीन ने कहा कि वे बहुत पढ़े-लिखे नहीं हैं और उन्होंने पाटील को अपमानित करने की नीयत से कुछ नहीं कहा था।

उन्होंने तो तारीफ में यह कहने की कोशिश की थी कि इन्सान अच्छे कामों की बदौलत कहां से कहां पहुंच सकता है, लेकिन मीडिया ने उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया था। खां के अनुसार राष्ट्रपति ने उनकी पूरी बात सुनी और खुशी से जवाब देते हुए कहा- मुझे आपसे कोई शिकायत नहीं है।

अमीन खां राष्ट्रपति से सोमवार शाम को करीब सात बजे पांच मिनट के लिए राजभवन में मिले, जहां वे राजस्थान प्रवास के दौरान ठहरी हुई हैं। खां के साथ पूर्व विधायक सीडी देवल और पाली जिला प्रमुख खुशबीरसिंह जोजावर भी थे।

दरअसल देवल और जोजावर ने ही इस मुलाकात की भूमिका बांधी थी। ये दोनों नेता अमीन खां के लिए राष्ट्रपति से पिछली बार उदयपुर में मिले थे। इस बार ये दोनों नेता अमीन खां को मिलवाने ले गए। इन दोनों नेताओं ने भी राष्ट्रपति से आग्रह किया कि अमीन खां ने किसी दुर्भावना से कुछ नहीं कहा।

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